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वाणी ऐसी बोलिए
जो सबके मन को सुहाय
सुनने मे मीठी लगे
गैर भी अपना हो जाए
कटु वाणी दूरी बढ़ाती
मन मे वैमनस्य बढाती
शांति का हरण करती
क्लेश भी बढ़ता जाए
तनाव रहित जीवन हो
परचिंतन होने न पाये
चिंतन करते रहे प्रभु का
सुख ही सुख हो जाए।
#श्रीगोपाल नारसन
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