हे मातृभूमि ! भारत माता,
तुमको शत शत करें नमन।
प्रेम से हम सब शीश झुकाएं,
श्रृद्धा सुमन करें अर्पण।
तुम पर न्योछावर माता मेरी,
ये तन मन , सारा जीवन।
हरा भरा है आंचल तेरा मां ,
जिसको लहराए मस्त पवन।
सागर तेरे मां चरण पखारें,
है मुकुट हिमालय तेरा मां।
गंगा यमुना सी पावन नदियां,
करे शीतल तेरा तन मन मां।
हीरे मोती से अनमोल रतन,
सब तुझमें ही हैं समाएं मां।
देख सुनहरी काया तेरी ,
तेरे शत्रु सदा ललचाए मां।
रक्तपुष्प माला पहनाकर,
तुझे चंदन तिलक लगाऊं मां।
मां तेरी की रक्षा की खातिर ,
मैं अपना शीश कटाऊं मां।
आजाद, भगत, बिस्मिल जैसे,
सपूतों की तू जननी मां।
हमें गुमान है माता तुम पर,
बस इतना तुम जान लो मां।
जिह्वा पर हो गीत तुम्हारे,
नित तेरा ही गुणगान करें।
मातृभूमि जगजननी मेरी ,
मां तुम हम अभिमान करें।
धर्म भूमि मेरी हो मां तुम,
तुम कर्मभूमि हो मेरी मां।
जन्मभूमि मेरी हो मां तुम,
तुम मातृभूमि मेरी हो मां।
स्वरचित
सपना (स अ०)
जनपद – औरैया
उत्तर प्रदेश