फिर बजेंगी स्कूलों की घंटी

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चिडिया चूँ – चूँ करती आई
कोयल गाना गाती आई ।
परिंदों का स्वर नभ में गूँजा
रश्मि प्रभा भी मुस्काती आई ।।

मम्मी-पापा सबका यह कहना
घर में रहना , घर पर ही पढ़ना ।
दादी हमें अच्छी बात समझाती
फिर खुलेंगे स्कूल धैर्य रखना ।।

घर – घर बनें स्कूल , बजी घंटी
पढ़ने बैठो गोलू – राजू – बंटी ।
पढाई न रुकी हैं , न रुकेंगी
फिर बजेंगी स्कूलों में घंटी ।।

गोपाल कौशल
नागदा जिला धार म.प्र.

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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