भाई बहिन का बंधन,
जिसको कहते रक्षाबंधन।
स्नेह प्यार से बंधा रहे,
भाई बहिन का रिश्ता।
इसलिए तो आता है,
हर साल ये रक्षा बंधन।
बहिना सबसे मिलती है,
मायके में इसदिन आकर।
दिल सबके खिल उठाते है,
बहिना से जो मिलकर।
भागम भाग की जिंदगी से,
मिल नही पाता हम सब।
इसलिए तो कृष्ण ने,
बना दिया ये रक्षा बंधन।
ताकि मिल सके भाई-बहिन,
इस बंधन के कारण ही।
और याद करे वो मिलकर,
अपने बचपन की यादों को।
श्रेष्ठि निर्माता ने ही तो,
रचा संसार कुछ ऐसा।
जिसमे सभी को दिया,
कुछ न कुछ तो ऐसा।
जिससे सभी में बना रहे,
स्नेह प्यार के संबधं बंधन।
और मिलजुल कर मनाते रहे,
होलो दिवाली और रक्षा बंधन।
रक्षा बंधन रक्षा बंधन।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)