जितना हमने है देखा,
और अबतक समझ हम पाये।
संसार के इस चक्कर ने,
हम सबको बहुत रुलाया।
हो हो हो ………………।।
लोगो की भावनाओं से
इन सब ने अबतक खेला।
कभी धर्म जाती के नाम पर,
उन्हें आपस में लड़वाया।
और अपना उल्लू सीधा,
इन मकरो ने किया।
अब देश की जनता को,
सही बात समझ है आया।
इसलिए देश की जनता,
अब बातों में नहीं है फसती।।
जितना हमने है देखा,
और अबतक समझ हम पाये।
संसार के इस चक्कर ने
हम सबको बहुत रुलाया ।।
चाहे कोई भी पार्टी हो वे,
पर मकारी से बाज न आवे।
अपनी मकारीयो से,
जनता को गुमराह है करती।
कब तक देश की जनता,
इनके जाल में फसेंगी।
अब वक्त आ गया है लोगो,
अपनी शक्ति को पपहचानो।
और देश बचाने की खातिर,
अपने घरों से अब निकालो।
और इन मकरियो को,
उनके ही घर बैठा दो।
और देश में अमन शांति
फिर से स्थापित करा दो।।
जितना मैंने देखा है,
और अबतक समझ में पाया।
संसार के इस चक्कर ने
हम सबको बहुत रुलाया।।
कितना अच्छा और सच्चा,
ये देश था हमारा।
जहाँ राम कृष्ण और हनुमान
तुलसी कबीर और नानक,
जैसे लोगो आदि जन्मे।
पर कलयुगी रावणो ने
क्या इसकी हालात बना दी।
इंसानों की इंसानियत का,
मानो गला दवा दिया है।
और भारतको चौहराये पर,
फिर से खड़ा कर दिया है।।
जितना हमने है देखा
और अबतक समझ हम पाये।
संसार के इस चक्कर ने
हम सबको बहुत रुलाया।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)