इंसान को इंसानियत सिखलाए
मन में मानवता जगाए
ये हमारे संस्कार
ओ मेरे यार…….
जब कोई दुर्घटना हो जाए
किसी को चोट लग जाए
रखना उनका ख्याल
ओ मेरे यार……
जब कोई मुश्किल में फस जाए
कोई रोए और घबराए
पूछ लेना उनके दिल का हाल
ओ मेरे यार…….
जब कोई राह भटक जाए
और मंजिल ना नज़र आए
दिखलाना उनको सन्मार्ग
ओ मेरे यार……
जब कोई निर्दोष को सताए
उनको डराए और धमकाए
बन जाना उनकी तुम ढाल
ओ मेरे यार…….
जब कोई मदद को गुहार लगाए
सामने आंचल अपना फैलाए
बन जाना उनकी पतवार
ओ मेरे यार……..
एक दूजे के काम अा जाना
मुश्किल में साथ निभाना
है यही हमारे संस्कार
ओ मेरे यार……..
रचना –
सपना( स० अ०)
जनपद -औरैया