सुकमा में सैनिकों पर हुए हमले,
से आहत हुई है आज भारत माँ।
मौत से खेलने वाले ऐसे दरिंदों,
का करो जवानों अब तुम खात्मा।।
सैनिकों की शहादत पर तब,
होगी हमारी सच्ची श्रध्दांजलि।
काट लाएंगे उनके भी सिर हम,
तब होगी माँ भारती को तसल्ली।।
कोई पत्थर मारे तो कोई गोली,
कब तक ऐसे मरते रहेंगे फौजी।
आंतकवादी-नक्सली के मसूंबों,
को तुम नेस्तांनूबूत करों फौजी।।
आंतकवादी हो या फिर नक्सली,
इतना मारो कि टूट जाएं पसली।
सैनिकों को मिलें अधिकार सारे,
ताकि मार सके आंतकी,नक्सली।।
(सुकमा (छग)में सैनिकों पर नक्सली हमले पर )
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।