जवां हर दिल की कहानी लिखूँगा,
तुम्हें रोज अपनी मैं रानी लिखूँगा।
कभी मिट न पाए मुहब्बत ये’ अपनी,
सनम चांद पर मैं निशानी लिखूँगा।
ग़ज़ल बन लबों पर चली तुम यूँ’ आओ,
बहर में सनम फिर जवानी लिखूँगा।
बहकने लगा हूँ छुआ जब से’ तुमने,
हवा प्यार की अब सुहानी लिखूँगा।
करुं प्यार ऐसा न भूले ये दुनिया,
हवा-आग-पानी, नूरानी लिखूँगा।
महकने लगी है फ़िजा प्यार की अब,
जवानी दिवानी मस्तानी लिखूँगा।
मुहब्बत हमेशा करुंगा मैं’ तुमसे,
तेरे’ नाम ये जिन्दगानी लिखूँगा।
#विवेक चौहान
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से नई कालोनी (चीनी मिल कैम्पस) बाजपुर (जिला ऊधमसिंह नगर,उत्तराखण्ड)में रहते हैं।