इंदौर या यूँ कहें मध्यप्रदेश की पत्रकारिता जमीन का एक अहम सितारा आज सदा के लिए अपनी चिर यात्रा पर निकल गया।
हँसमुख स्वभावी, सदा सकारात्मक रहने वाले, प्रेरित करने के भाव के साथ जीवन यापन करने वाले सहज एवं सरल व्यक्तित्व आदरणीय जयकृष्ण गौड़ साहब का जाना पत्रकारिता जीवन में एक निर्वात-सा बना गया।
इंदौर प्रेस क्लब की रीढ़ रहें गौड़ साहब सदा ही हौसला देते थे। मेरे कार्यकाल में ही इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्षों का एक मार्गदर्शन मण्डल बनाया था, उसी बैठक आदि में या जब भी एक नेक सलाह की आवश्यकता होती थी तो गौड़ साहब एवं जलधारी जी सदैव हौसला देते थे। दुर्भाग्यवश कुछ समय पहले हमने हमारे अग्र साथी या कहे मार्गदर्शक शशीन्द्र जलधारी जी को खोया, अभी उस दुःखद घड़ी से बाहर निकल ही नहीं पाए कि आज गौड़ साहब के न रहने के समाचार ने स्तब्ध कर दिया।
जब भाजपा के शासन में गौड़ साहब को चरैवेति का संपादक बनाया तब वे भोपाल चले गए।भोपाल से भी वह यही कहते थे कि चिन्ता मत करना,भोपाल में भी कोई कार्य हो तो बताना।
इन दोनों ही विभूतियों का इंदौर प्रेस क्लब व मुझे तो मार्गदर्शन मिलता ही रहा ,आगे भी उनकी सूक्ष्म उपस्थिति ही हिम्मत प्रदान भी करेगी।
गौड़ साहब अपनी अंतिम पुस्तक ‘काल के कपाल से’ को पूरा करके अपनी अंतिम यात्रा की ओर कूच कर गए। यह पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति है। मेरे मार्गदर्शक आदरणीय गौड़ साहब को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें और हमें उनके आदर्शों पर चलने का हौसला भी दें।
नमन सहित
प्रवीण कुमार खारीवाल
इंदौर, मध्यप्रदेश
परिचय:
इंदौर की पत्रकारिता में लगभग 3 दशकों से सतत पत्रकारिता में सक्रिय।
पूर्व अध्यक्ष- इंदौर प्रेस क्लब
अध्यक्ष- स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश