मेरा भारत महान है,
यह बलिदानों की धरती।
अम्बेडकर जैसी विभूति से,
अपनी किस्मत सँवरती।।
१४ अप्रैल १८९१ को,
जन्मे प्यारे भीमराव..
रत्नागिरि जनपद में,
अम्बावढ़े गाँव।।।
गाँव का लड़का पढ़कर,
बन गया डॉ.आम्बेडकर।
हर कुप्रथा का विरोध,
किया उन्होनें डटकर।।
समाज सुधार के काम किए,
छोड़ के सारे भोग।
संविधान निर्माण में,
उन्होनें दिया सहयोग।।
छूआछूत जैसी कुरीति का,
उन्होनें किया विरोध।
वहीं डटकर खड़े रहे,
जहाँ दिखा कहीं अवरोध।।
६ दिसम्बर १९५६ को,
इन्होंने त्यागे प्राण।
लेकिन अपने कर्मो से,
किया नव भारत निर्माण।।
ऐसी महान विभूति को,
‘परिन्दा’ का नमन है।
ऐसे सुंदर फूलों से ही,
फल-फूल रहा चमन है।।
#रामशर्मा ‘परिन्दा’
परिचय : रामेश्वर शर्मा (रामशर्मा ‘परिन्दा’)का परिचय यही है कि,मूल रुप से शासकीय सेवा में सहायक अध्यापक हैं,यानी बच्चों का भविष्य बनाते हैं। आप योगाश्रम ग्राम करोली मनावर (धार, म.प्र.) में रहते हैं। आपने एम.कॉम.और बी.एड.भी किया है तथा लेखन में रुचि के चलते साहित्य