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सफर के लिए हम निकलते रहेंगे
दुआ माँ की लेकर यूँ चलते रहेंगे
अन्जुमन में है चाहने वाले मेरे
यहाँ सबसे मोहब्बत करते रहेंगे
बदल कर कभी हर्फ़ तुमको पढेंगे
नए ज़ाविये से हम लिखते रहेंगे
तिज़ारत करे प्यार का सबसे हम भी
ठेकेदार कब तक हम बनते रहेंगे
बना कर ये क्या रख दिया तुमने सबको
गलत बातो पर ही झगड़ते रहेंगे
जलेगी मुहब्बत शमा की हमेशा
चेराग ए मुहब्बत यूँ जलते रहेंगे
रफ़ू कर ले तू भी ग़मो को यूं ‘आकिब’
मुहब्बत से घर अपने पलते रहेंगे
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेद
साहित्यिक उपनाम-आकिब
वर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेश
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-बाँदा
शिक्षा-BCA,MA,BTC
कार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखक
विधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानी
लेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना
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