काम करें आराम से, पर ध्यान से……..

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saket jain

आज सुबह-सुबह एक घटना घट गयी बड़ी,
गर्म करने रखे दूध की रबड़ी बन गयी ।

हुआ यूं कि सुबह के समय मैं क्लास में बैठा था,
जहाँ बढ़ रही प्यास ने मुझे चारों ओर से ऐंठा था ।

अब बढ़ती हुयी प्यास, अंदर से इतनी बढ़ गयी थी कि मुझे क्लास से बीच में ही उठना पड़ा,
और अनचाहे मन से ही सही पर घर की ओर मुड़ना पड़ा ।

अब मैंने घर आकर पानी छानने को जैसे ही छन्ना उठाया
छन्ने के साथ-साथ मुझे रात का बचा दूध भी नज़र आया ।

तो सोचा, पानी के साथ दूध का काम भी निपटा लेते हैं,
दूध आग पर चढ़ाकर ही, पानी छान लेते हैं ।

पर बलिहारी है मेरे दिमाग की,
कि मैंने पानी तो छानकर पी लिया,
लेकिन दूध वहीं चूल्हे पर छोड़ अपनी अगली क्लास को हो लिया ।

अब ४०-४५ मिनट की क्लास पूरी करके हम जैसे ही घर आए,
सोचा, चलो रसोईघर में चलें, और कुछ खाएं ।

पर जब हम रसोईघर में गये तो वहाँ गज़ब ही हो गया था
क्योंकि अब वह दूध, दूध न रहकरके रबड़ी हो गया था ।

फिर क्या था, उस रबड़ी में हमने शक्कर मिलाई
और यार, दोस्तों के साथ बैठकर बड़े ही ठाट से खाई ।

लेकिन इस घटना से मुझे एक बात और समझ आई
कि दुनिया में न, हर काम ध्यान से ही होता है ।

इसलिए तो जब ध्यान नहीं होता तो एक कप चाय भी हम ढ़ग से नहीं बना पाते,
और जब ध्यान होता है तो बड़े बड़े कामों को भी चुटकियों में हैं निपटाते ।
दरअसल ये सब ध्यान की ही बलिहारी है जो कठिन से कठिन काम को आसान…
और आसान से आसान काम को भी कठिन बनाता है ।
इसलिए काम करें, आराम से… पर ध्यान से…..

साकेत जैन शास्त्री ‘सहज’
जयपुर(राजस्थान)

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।