चूहा हो गया फेल

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sima shivhare
चूहा हो गया दसवीं में फेल
पापा जी को भेजा ईमेल।
खत्म कर रहा ,जीवन का खेल
सामने है कढ़ाही भरा है तेल ।
पिता–
बेटा मत करो ऐसी बात
घर आ जाओ हो गई है रात ।
कुंवारी बहने घर में हैं सात
आने वाली है जिनकी बारात।
चूहा–
उड़ाऐंगे वहाँ सब मेरी खिल्ली
भालू ,बंदर ,कुत्ते ,बिल्ली ।
समझा था शेर, निकला शेखचिल्ली।
बड़ा जाऐगा पढ़ने दिल्ली ।
पिता–
जितना मन करे उतना पढ़ना
जिसमें रूचि ही उसमें बढ़ना।
ऊंचाईयों की सीढ़ी तुम चढ़ना
पर ऐसी जिद पर ना अढ़ना ।
इतनी देर में फोन हो गया ट्रेस
चूहे मिंया पर बन गया केस ।
जीवन नहीं मिलता बार-बार
खुदकुशी का कैसे आया विचार ।
थानेदार ने दी फटकार
पड़े दो थप्पड़ डंडे चार ।
खुशी -खुशी उठी बहनों कीं डोली
खूब सजी पहनकर लेंहगा चोली ।
बिदाई में बहने भाई से बोली
ध्यान रखना माँ का, है बड़ी भोली । ।
सीमा शिवहरे “सुमन”
भोपाल मध्यप्रदेश

matruadmin

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