(विश्व विजेता चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती पर विशेष)
चक्रवती सम्राट अशोक महान,
का पराक्रम जाने सारा जहान।
था यह अखंड भारत का दूत,
करे जग आज इसका बखान।
सम्राटों में रहे सदा शीर्ष स्थान,
कुशल शासक में थी पहचान।
इनका हर स्तंभ है गौरव वाला,
अशोक चक्र है राष्ट्रध्वज शान।
मुद्रा में सिंह चिन्ह को स्थान,
बौद्ध धर्म का बढ़ाया जग मान।
सत्य,अहिंसा,सहिष्णुता प्रणेता,
चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान।
माँ भारती करती है आह्वान,
बच्चा-बच्चा बने अशोक महान।
चलें समरसता का ध्वज फहराएं,
बने फिर से अखंड भारत महान।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।