0
0
Read Time38 Second
इस धरती पर हैं जन्मते ,
हम सभी इन्सान ।
अंतकाल में सो जाते हैं ,
बस यहीं इन्सान ।।
धरती माँ देती हैं अन्न – जल ,
इस पर निर्भर सकल जहान ।
पर हम सब इन्सान आज के ,
भूल चुके हैं उनका मान ।।
दूषित धरती किसे बनाया ,
हम सभी इन्सानों नें ।
बर्बादी की लिख दी कहानी ,
हम सभी इन्सानों ने ।।
चलो करें सम्मान धरा का ,
धरा को स्वर्ग बनायें हम ।
ठांव – ठांव में सब मिल-जुलकर ,
एक – एक वृक्ष लगायें हम ।।
# डॉ.प्रमोद सोनवानी ‘पुष्प’
Post Views:
384