जिंदगी हैं आगे बढ़ने के लिए
मंजिलो को पाने के लिए
न रुकने के लिए न थकने के लिए
लाख मुश्किलें आएँगी
मगर निरंतर चलना हैं मुझे
नहीं घबराना रख होंसला
संभालना हैं मुझको।
लोग बदलेंगे
बदलना हैं मुझको
लड़ती हु निरंतर अपने आप से
क्युकि मुझे पाना हैं मंजिलो को
नै ख्वाहिशे लिए
भरनी हैं ऊँची उड़ान
अब मन चल पड़ा हैं
नए सफर पर
नई मंजिले नए रास्ते
दे रहे आवाज मुझे
अब साथ हैं मेरे सूरज
और तारें
आसमा बन गया मेरा होंसला
चल रही साथ मेरे ये ज़मी
साथ मेरे आशा और उम्मीदे
मैं नहीं रुकने वाली क्युकि
अब मंजिले दूर नही। ,
#नीरा जैनपता जयपुर (राजस्थान)शिक्षा Ba Ma BJMC MJMC…..लेखिका कवियत्री एंकर मोटिवेशनल स्पीकर ओर आकाशवाणी जयपुर में उदघोषकप्रकाशन ..समाचार पत्र पत्रिकाओ में लेख प्रकाशितसदल सुगंध.शब्द शब्द महक.साहित्य उदय , साहित्य कुंदन संगम संकल्पना सांझा काव्य संग्रह में रचनाये प्रकाशितपुस्तक करियर इन मीडिया प्रकाश्यविश्व हिन्दी रचनाकार मंच से वरिष्ठ हिंदी कवियत्री सम्मानकविता लोक सृजन संस्थान से साहित्य सुधाकर संम्मानकृतिकार संस्थान की तरफ से साहित्य कुंदन पुरस्कारपर्यावरण. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ.कन्या भ्रूण जैसे मुद्दों पर जागरूकता को आगे बढ़ाया।समाज सेवा…बच्चो ओर महिलाओ के विकास के लिए कार्यरतहरियाणा करनाल से महिला सशक्तिकरण पर कार्य करने हेतु राष्ट्र रतन पुरस्कार से सम्मानित