उषाकोठी अर्थात औषधि से भरा हुआ पहाड़ के गोद में बसा है , ग्राम करमागढ़ यानी कर्म का गढ़ । जहाँ राजपरिवार की देवी माँ मानकेश्वरी जी का सिद्ध मंदिर भी है । करमागढ़ को हम सभी दो कारणों से जानतें हैं । पहला – माँ मानकेश्वरी सिद्ध दरबार । […]

छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण साहित्यकार व शिक्षाविद् डॉ. बलदेव जी से मेरी मुलाकात अक्सर शिवकुटीर करमागढ़ में होता था । जब भी ललित निबंधकार जय प्रकाश ‘मानस’ जी का रायगढ़ आगमन होता तो , डॉ. बलदेव जी के साथ करमागढ़ अवश्य आते थे । वहीं करमागढ़ के सुरम्यवादी में बना बालकवि […]

उलझी उलझी जुल्फों को यूँ सुलझाया ना करो, पास बुलाकर तुम अपने हाय यूँ सताया ना करो l उम्मीद जाग उठती हैं मिलन की तेरे दीदार से, जगते सपनो को यूँ रोज तुम रुलाया ना करो l हैं जन्नत मेरी तेरी नजरों के समंदर के पार, मेरी कश्ती को लाकर […]

जब भी होने लगती है अंधेरों से दोस्ती, माँ खोलती है आंखें और उजाला बन जाता है l   कमाल का जादू है माँ तेरे इस आंचल में, छुप कर हर इन्सान इसमें बच्चा बन जाता है l   सजदे करते हैं सब लोग हमेशा खुदा के, माँ की जुबां का शब्द […]

इस धरती पर हैं जन्मते , हम सभी इन्सान । अंतकाल में सो जाते हैं , बस यहीं इन्सान ।। धरती माँ देती हैं अन्न – जल , इस पर निर्भर सकल जहान । पर हम सब इन्सान आज के , भूल चुके हैं उनका मान ।। दूषित धरती किसे […]

रायगढ़ | जिला रायगढ़ के औद्योगिक तहसील तमनार के अधिनस्त ग्राम पंचायत पड़िगाँव के श्री फूलेन्द्र साहित्य निकेतन निवासी लब्धप्रतिष्ठित बाल साहित्यकार प्रमोद सोनवानी पुष्प को , राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले जिला इकाई रायगढ़ द्वारा आयोजित होली मिलन काव्य वर्षा में , वरिष्ठ साहित्यकार भरत लाल नायक जी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।