1.✍
हार जीत के लग रहे, जहाँ, तहाँ अनुमान।
मन से कर मतदान तू, लोकतंत्र सम्मान।।
2.✍
जनता के आशीष से, जनमत की सरकार।
जागरूक मतदान हो, फैले नहीं विकार।।
3.✍
जनमत का आदर करे, नेता होय सुजान।
बिना लोभ सद्भाव से, कर देना मतदान।।
4.✍
बहुत कीमती वोट है, सोच समझ कर दान।
परचम पहरे जीत का, वोट वोट का मान।।
5.✍
दल भी चिंतन कर रहे, मिले जिताऊ लोग।
चिंतन कर मतदान कर, तभी मिटे भव रोग।।
6.✍
राजनीति के खेल में, लोकतंत्र वरदान।
लोकतंत्र के हित करो, सभी लोग मतदान।।
7.✍
श्वेत वसन धारण करे, तुलसी माला कंठ।
विषय भोग में डूबते, कुछ नेता आकंठ।।
8.✍
मतदाता कुछ सोचते, नोटा एक प्रयोग।
खारिज सबको कर रहे, राजनीति संयोग।।
9.✍
झंझावत भी झेलते, होते लोक चुनाव।
बागी रूठे दलों से, उनके चले मनाव।।
10.✍
स्वस्थ बने सरकार भी, करना एक उपाय।
सबको ही जागृत करो, मत देने को जाय।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः