श्रीराम जन्मभूमि मंदिर हेतु 13 करोड़ विजय मन्त्रों के जाप की व्यापक तैयारियां

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नव वर्ष (6 अप्रेल) के सूर्योदय से होगा व्यापक जन-जागरण

नई दिल्ली |

विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) द्वारा सनिवार (6 अप्रेल) से प्रारम्भ होने वाले विक्रमी सम्वत् 2076 के सूर्योदय की पहली किरण से ही देशभर में विजय मन्त्रों का जाप प्रारम्भ हो जाएगा. विहिप के संयुक्त महा-मंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज बताया कि पूज्य संतों के आदेशानुसार विश्व हिन्दू परिषद् ने इसकी देशव्यापी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. 13 करोड़ विजय मन्त्रों के इस जाप से श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जा सकेगा.

       डॉ जैन ने बताया कि इन विजय मन्त्रों के जप अनुष्ठान का इस नव सम्वत्सर, जिसका नाम ही आनंद सम्वत्सर है, के प्रथम दिवस में ही किए जाने का विशेष महत्त्व है. पूज्य संतों व ज्योतिषविदों के अनुसार इस आनंद सम्वत्सर के प्रथम दिन के सूर्योदय से ही पुष्प नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा जो सर्व सिद्धि योग की अमृत बेला भी है। इस शुभ अवसर पर संकल्प के साथ की जाने वाली सभी सद्कामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। इसी कारण प्रयाग में आयोजित कुम्भ की धर्म संसद में पूज्य संतों ने सभी रामभक्तों को “श्री राम जय राम जय जय राम’ नामक 13 अक्षरीय विजय मंत्र देकर कहा था कि इसका 13 करोड़ वार जाप भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मन्दिर की भव्यता में आने वाली समस्त विघ्न-बाधाओं को दूर करेगा। 1 फरवरी 2019 को श्रीराम जन्मभूमि हेतु धर्म संसद में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि इस विजय महा-मंत्र का जाप प्रतिपदा यानि 6 अप्रेल के सूर्योदय से प्रारम्भ कर सभी राम भक्त 13-13 मालाओं का जाप अवश्य करें।

       विहिप के अनुसार पूज्य संतों का कहना है कि इस जाप हेतु किसी विशेष विधि-विधान या तैयारी की आवश्यकता नहीं है। अपने अपने घरों में भी सामूहिक मंत्र-जाप किए जा सकते हैं किन्तु, इसके स्थान पर मंदिरों, पार्कों व सामुदायिक स्थलों इत्यादि पर एकत्र होकर सामूहिक शक्ति के साथ किया गया यह अनुष्ठान और अधिक फलदायी होगा. पूज्य संतों का आग्रह है कि परिवार, पडौसी, नाते-रिश्तेदार, मित्र, सहयोगी, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, नौजबान सभी की आहुति इस रामकाज में लगे इसकी व्यवस्था हम सभी को करनी चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकर्ता पूज्य संतों के इस आदेश को जन-जन तक पहुंचाकर इस विजय महा-मंत्र जप अनुष्ठान के कार्य में जुट गए हैं।

       धर्म संसद में पारित इस प्रस्ताव में कहा गया है कि हमें विश्वास है कि सर्व सिद्धि योग में किये गए इस मंत्र जाप अनुष्ठान का प्रभाव शीघ्र सामने आएगा और भव्य राम मंदिर के निर्माण में आने वाली बाधाएं अवश्य दूर होंगीं। विहिप ने सभी राम भक्तों से अपील की है कि वे अधिकाधिक संख्या में विजय मंत्र जप अनुष्ठान में अपनी अपनी आहूतियां सुनिश्चित कर पुण्य के भागी बनें.

जारी कर्ता :

विनोद बंसल

(राष्ट्रीय प्रवक्ता)

विश्व हिन्दू परिषद्

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।