सब्र

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कर ले सब्र तू मेरे यारा ,
वक्त तेरा भी आएगा।
कड़वे सब्र का सुन यारा,
मीठा फल तू पाएगा।

भटके हुए को राह दिखाना,
टूटे हुए को सब्र बंधाना।
बेबस लाचार गरीबों की,
मदद को आगे हाथ बढ़ाना।

चीर कलेजा पर्वत का तू,
निर्मल जलधार बहाना।
अम्बर का तू चीर के सीना,
पवन वेग से बतलाना।

बिना तराशे हीरा भी ,
कहां कभी निखरता है,
बिना तपे सोना भी ,
कहां कभी चमकता है।

कछुए से पूछो मेरे यारा,
महत्व सब्र का क्या होता ।
मंजिल पर हो जब नजर,
कौन हमें भटका सकता ।

पापी से नहीं सुन यारा,
घृणा पाप से करना तू ।
लालच हिंसा दुर्व्यसनों से,
यारा बच के रहना तू।

अर्जुन जैसा तू साध निशाना,
करके खुद पर विश्वास जरा।
मिलेंगी तुझको मंजिल यारा,
कर ले प्रभु पर विश्वास जरा।

ढाई अक्षर के ‘ सब्र ‘ शब्द ,
जीवन का सार बतलाता है।
हर मुश्किल से लड़ने की,
हमको हिम्मत दे जाता है।

जब जब टूटा है बांध सब्र का,
तब तब सैलाब आया है।
बड़े बड़े शूरवीरों का अहम,
मिट्टी में मिलाया है।

सब्र करे निर्माण तो ,
सब्र विनाश भी करता है।
सब्र पर टिकी है धरती माता,
तू याद क्यों नहीं रखता है

सपना सिंह
औरैया(उत्तरप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।