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छत्रपति शिवाजी की जयंती पर विशेष रचना…..
जन्में जब प्यारे शिवाजी
घर-घर मनी थी दीपावली ।
न्याय,दया के थे वे प्रतिमूर्ति
जन-जन बोले जय छत्रपति ।।
जय हो छत्रपति शिवाजी
थे बड़े हीं प्रतापी – ज्ञानी ।
शत्रुओं ने जब ललकारा
सिर काट ले आई भवानी ।।
गुलामी से दिलाई आजादी
आपका पराक्रम गौरवशाली ।
धरा-अंबर गूंजे जब हम बोले
जय भवानी – जय शिवाजी ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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