मन मत हो निराश,
बड़ी सरस जिंदगी..
तू उसे समझने की,
कोशिश तो कर।
सिर्फ रात-दिन,
सपने ही न देख..
उन्हें सच करने की,
कोशिश तो कर।
सब बातों को,
नसीब पर न छोड़..
मसलों को हल करने की,
कोशिश तो कर।
चाँद पर पहुँची दुनिया,
तू हौंसला रख..
कुछ दूर चलने की,
कोशिश तो कर।
मन के मते मत चल,
कर मन को वश में..
ईच्छाओं से लड़ने की,
कोशिश तो कर।
सुराग हो सकता है,
आसमान में भी..
एक पत्थर उछालने की,
कोशिश तो कर।।
#रामशर्मा ‘परिन्दा’
परिचय : रामेश्वर शर्मा (रामशर्मा ‘परिन्दा’)का परिचय यही है कि,मूल रुप से शासकीय सेवा में सहायक अध्यापक हैं,यानी बच्चों का भविष्य बनाते हैं। आप योगाश्रम ग्राम करोली मनावर (धार, म.प्र.) में रहते हैं। आपने एम.कॉम.और बी.एड.भी किया है तथा लेखन में रुचि के चलते साहित्य