ट्विंकल हम शर्मिंदा हैं

0 0
Read Time1 Minute, 8 Second
avinash tiwari
हां कली ही थी तुम
   जो कभी न खिल पायी
आंखों में शर्म हया
    तुझे उसमें बेटी नज़र नही आई।।
कब तलक हम चुप बैठे
  घनघोर निंदा करेंगे
तुष्टिकरण से जिंदा अपने
 सियासत खेल को रचेंगे
कौन दिशा में समाज
       हमको ले जा रहा है
कोई ज़िंदा जल रहा
 तो कोई सेल्फी खींचा रहा है।
क्यों चुप बैठे हैं
       केंडल जलाने वाले
असहिष्णु कौन है
  टुकड़े गैंग वाले
सिसक रही है बेटियां
   मन भय से आतंकित है
जाने कितनी ट्विंकल जैसी
घटना अभी अप्रकाशित है
क्यो खून खौला नही हमारा
क्यों चुप घरों में बैठे हैं
हवसी कितने घूम रहे बाजारों में
ये हर शहर गांव में पैठे हैं।
खत्म हो ये फिदाइन हवसी
 समय की यही दरकार है
नेस्तनाबूत जर दो जड़ से इन्हें
हिंदुस्तानी पुकार है।
#अविनाश तिवारी
जांजगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन

Sat Jun 8 , 2019
 समीक्षा: परिंदे पत्रिका “लघुकथा विशेषांक” पत्रिका : परिंदे (लघुकथा केन्द्रित अंक) फरवरी-मार्च’19 अतिथि सम्पादक : कृष्ण मनु संपादक : डॉ. शिवदान सिंह भदौरिया 79-ए, दिलशाद गार्डन, नियर पोस्ट ऑफिस, दिल्ली- 110095, पृष्ठ संख्या: 114 मल्य- 40/- वैसे तो हर विधा को समय के साथ संवर्धन की आवश्यकता होती है, लेकिन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।