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स्त्री,
स्त्री भर नहीं होती
वह जब होती है !
अपने प्रियतम की मोहोब्बत में,
अाकाश, पाताल ना सिर्फ धरा,
बल्कि
वह पूर्ण ब्रह्माण्ड होती हैं !
जिसकी रूह विचरती है,
इबादत में
उस पूर्ण शून्य में,
और तब,
तब वह “देवी” होती है
अक्षुण्ण-प्रेम का आकार ले चुकी स्त्री !!””
#किरण मिश्रा “स्वयंसिद्धा”
परिचय :
नाम- किरण मिश्रा “स्वयंसिद्धा”
माता का नाम-श्री मती सावित्री देवी
पिता का नाम-कामता प्रसाद तिवारी
पति का नाम-जितेन्द्र कुमार मिश्रा
जन्मतिथि – 28 मार्च
जन्मस्थान – फैजाबाद (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा-एम.ए.संस्कृत बी. एड.,NET उत्तीर्ण
व्यवसाय – पूर्व आकाशवाणी उद्घोषिका,वर्तमान में गृहसंचालिका
प्रकाशित कृति-
एकल संग्रह
1-सुगन्धा (हाइकु संग्रह)
2-मिस यू कान्हा (दोहा और मुक्तक संग्रह)
1-सृजन समीक्षा (समीक्षा पत्रक) किरण मिश्रा)
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