#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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हे लाल उठों, काल उठों,उठों हिम विशाल
भारत की सुप्त आत्माओं, जागों बन ज्वाल ।
आंतकवाद, नक्सलवाद पनपा बनकर ताड़
भस्मासुर घूम रहें लगाने खौंफ की चौपाल ।।
सूख रहें एकता – प्रेम – भाईचारे के ताल
शांति के मधुबन में इंसानियत बन बैठी चांडाल ।
नौनिहाल हो रहें गुमराह छोड़कर कामकाज
रक्तबीज की तरह इंसान भी कर रहा धूमाल ।।
अब गांडीव,त्रिशूल,बघनखा का बता कमाल
तुम सारथी बनकर भारत माता का रखों ख्याल ।
गद्दारों, दुश्मनों के लिए रुप धरों फिर विकराल
जग सिरमौर बनें भारत,ऐसा अमृत दो महांकाल ।।
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