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भूखे खड़े कतार में,
आकांक्षा जहाँ अनेक !
फल फूल बेलपत्र चढ़े
जल से हो रहे,
बम-बम का अभिषेक !!
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जिसने भी दुख में किया,
बम-बम भोले का ध्यान
उसका सदा हुआ है कल्याण।
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भूत-प्रेत-पिशाच पशु और नाग,
सभी बम-बम के साथ !
जो शंकर को बनाते हैं खास।
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जटा में गंग साजे शीश पर चंद्र
गले नीलकंठ है सर्पो के संग !
भस्म शरीर शोभे मृग छाल त्रिशूल संग।
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भक्त विंदास मिले भूख न करे तंग !
किसी बात की पाबंदी नहीं
मस्त रहे पी के भंग।
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भोला के संग कुछ नहीं फकीर बने संग
भांग पीसत गौरी भयी भोला से तंग !
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति