गीता गाएँ

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babulal sharma
…       *कविजन कान्हा वाली*
सेना सारी, सरहद  चौकी आती।
आतंकी  की, धड़कन  है थर्राती।
हे  माताओं, ललन  तुम्हारे प्यारे।
माँ  की आशा, वतन सुरक्षा धारे।

आजादी की, सरगम खोते पापी।
आतंको से, यह धरती माँ  काँपी।
गीता गाएँ,कविजन कान्हा वाली।
हो तैयारी, रण अब  बाजे  ताली।

शेरों की माँ, निडर सदा ही होती।
है कुर्बानी, कब  समझाती  रोती।
है फौलादी, बहन पिता भी प्यारे।
चाहें  मेरे, सुत   रिपु  को  संहारे।

हिन्दुस्तानी,दम खम देखो बाकी।
गाली  देना, हरकत भी  नापाकी।
शेरों   से  तू,  मत  कर  बेईमानी।
बातें सारी,सुन खल पाकिस्तानी।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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