आज भी
लुट रहा है,
चीर नारी का।
नारी, हर किसी पर है भारी।
लेकिन
न जाने क्यों हो रही है
उसके साथ घटना दिन प्रतिदिन।
कहते भी है कि
“यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता” ,
फिर भी कर रहे हैं,
छल,कपट,अत्याचार नारी के साथ,
हम और आप मिलकर।
पहले भी होते थे
और
आज भी हो रहे हैं,अत्याचार नारी पर।
न जाने
कब तक होते रहेंगे इस धरती पर नारी के साथ अत्याचार ।।
हे कृष्ण पहले भी तुम्हीं आए थे बचाने लाज।
अब भी उम्मीद है तुमसे ही आकर बचालो आज।।
कलयुग की द्रोपदी की लाज।
आ जाओ एक बार कृष्ण आज आज आज॥
#कृष्ण कुमार सैनी”राज”दौसा,राजस्थान