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शिशिर ऋतु की हुई बिदाई
बसंत आया धरा पर बधाई ।।
मंद-मंद हवा चली गांव-गली
डाल-डाल पर कलिया खिली ।।
कोयल वन-आंगन कूक रही
तितली रानी हुलस रही ।।
भौंरों का सुमधुर गीत सुन
कुमदिनी भी बिहँस रही ।।
हर्षित जन – मन ,वन – संत
आया धरा पर प्यारा बसंत ।।
हरियाली संग खुशहाली देने
आया ऐश्वर्य – वैभव अनंत ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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