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ऊंचे से ऊंचा सोचती है
आज घर मे बेटियां
चढ़ती कैरियर सोपान
पढ़लिखकर बेटियां
मां का घर मे हाथ बटाती
खिलखिलाती बेटियां
पराई नही अपनी है वे
ब्याह बाद भी बेटियां
बुढापे का सहारा बनती
आज खुलकर बेटियां
बेटों से अधिक भरोसेमंद
आज अपनी बेटियां।
#श्रीगोपाल नारसन
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