अधुनातन नारी

0 0
Read Time1 Minute, 48 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
कोई भी प्रण कोई प्रतिज्ञा
इस युग में मैं नहीं करुँगी
अखिल विश्व का भार वहन कर
वसुंधरा मैं नहीं बनूँगी…
ऋषि पत्नी का शापित जीवन
शिला बनी जो भटकी वन वन
राम चरण रज प्रतीक्षारत
अहिल्या बनकर नहीं रहूँगी
कोई भी प्रण….
पांच पांडवों की भार्या बन
पांचाली सा कुंठित जीवन
भरी सभा में लज्जित होकर
अपनी पीड़ा नहीं कहूँगी
कोई भी प्रण….
आजन्म पतिव्रत कर धारित
कर न सकी सतीत्व प्रमाणित
धरती माँ की गोद समाकर
अब मैं सीता नहीं बनूँगी
कोई भी प्रण….
निज कर्त्तव्य का कर पालन
लखन गए भाई संग वन
प्रेषितपतिका सा उपेक्षित जीवन
उर्मिला होकर नहीं सहूँगी
कोई भी प्रण…
पाया उसने जो पति जन्मांध
आँखों पे सदा ली पट्टी बांध
पतिव्रता गांधारी बनकर
कोई प्रतिज्ञा मैं नहीं लूँगी
कोई भी प्रण….
लोक लाज तज बन गई जोगन
 मीरा के तो गिरधर मोहन
कुल की मर्यादा रखने को
मैं विष का प्याला नहीं पिऊँगी
कोई भी प्रण…
बिना कहे जब गए नाथ
रख भी न सके सुत शीश हाथ
रात्रि में त्याग दिया जिसको
वो यशोधरा बन नहीं जिऊंगी
कोई भी प्रण..
मैं तो हूँ नारी अधुनातन
खुद ही जीऊँगी अपना जीवन
अपने हिस्से का कोई क्षण
किसी और को मैं नहीं दूँगी
कोई भी प्रण….
#रश्मि शर्मा
 उदयपुर(राजस्थान)
 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अच्छा लगता है

Mon Jan 28 , 2019
तेरे ख़्यालों में रहना अब अच्छा लगता है । यादों के दरिया में बहना अच्छा लगता है ।। तेरे दिल में सांसें लेना अच्छा लगता है । इंतज़ार के पल पल सहना अच्छा लगता है ।। ख़ुशबू में तेरी महक़ना अब अच्छा लगता है । इश्क में तेरे बहकना अब […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।