#नीरज त्यागीग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )
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चुनु – मुन्नू थे दो चूहे भाई,
इधर – उधर वो घर मे घूमे,
रसोई में रखे खाने को चूमे,
राजू की मम्मी उनसे घबराई,
उन्हें पकड़ने के लिए चूहेदानी लगाई।
चुन्नू था दोनों भाइयो में भोला भाला,
पिंजरे में रोटी देख उसका मन ललचाया,
अंदर जाकर रोटी को जब उसने खाया,
पिंजरे में फिर खुद को उसने फॅसा पाया,
बाहर निकलने के लिए उसने जोर लगाया,
पर फिर तो वो उसमे से निकल ना पाया,
मुन्नू उसको फॅसा देख उसके पास आया,
लेकिन वो कुछ भी ना कर पाया।
राजू के पापा चूहा फॅसा देख पिंजरा उठाया,
घर से बहुत दूर फिर उसे छोड़ आया,
मुन्नू से चुन्नू फिर कभी मिल ना पाया,
बस यूँ ही बिछड़ गए फिर दोनों भाई।
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