चिंकी हाथी सूंड में रंगों भरा पानी भर लाया। कालू बंदर बिना कुछ समझे उसके पास आया।। चिंकी फिर जैसे ही शरारत भरी मुस्कान मुस्काया। तब कहीं जाकर कालू को कुछ समझ आया।। चिंकी ने जैसे ही अपनी सूंड उसकी और बढ़ाई। कालू ने जोर से छलाँग लगाकर अपनी जान […]

शजर की चाह थी कि परिंदों को आसरा दे । फिजा ने कुछ और ही दिखाया है नजारा ।। जईफ हुआ शजर,जज्ब भी लुप्त हुआ है। इसका आसरा देने का जज्बा अभी जवां है ।। कुछ इस कदर खस ने इसे हर तरफ घेरा है। सूरज की धूप से भी […]

दीप जलेंगे घर – घर,हर घर जगमगायेगा। छोटे – छोटे बच्चों से हर घर चहक जाएगा।। ना परीक्षा की कोई तैयारी होगी, ना स्कूल ही कोई बच्चा जाएगा। दीवाली की छुट्टियों का अपने घर पर हर बच्चा खूब मौज उड़ाएगा।। हाथों में फुलझड़ियां खूब जलाएंगे। चकरी जलाकर जोर से सब […]

उम्मीदों की चादर में कई सपने दफ्न हो गए। जिन वृक्षो से की थी छाया की उम्मीदे,वो छाया पतझड़ आने पर खुद ही कहीं गायब हो गयी।। जीवन के गुजरते पलो में अक्सर ऐसा हुआ। शुखे मुरझाये वृक्षो से भी कई बार ठंडी हवाओं का अनुभव हुआ , शायद गिर […]

उम्मीदों की चादर में कई सपने दफ्न हो गए। जिन वृक्षो से की थी छाया की उम्मीदे,वो छाया पतझड़ आने पर खुद ही कहीं गायब हो गयी।। जीवन के गुजरते पलो में अक्सर ऐसा हुआ। शुखे मुरझाये वृक्षो से भी कई बार ठंडी हवाओं का अनुभव हुआ , शायद गिर […]

शेर की सवारी, माँ लगे बड़ी प्यारी, आँखों मे मुस्कान धरे, एक बार आजाओ मेरे द्वारे। अष्ट भुझा धारी, माँ,राक्षसों की संहारी, माँ लगे बड़ी ही प्यारी, दरबार फिर बुलाओ माँ भवानी। त्रिशूल,गदा धारी, माँ करे शेर की सवारी, मंद मंद मुस्कान चेहरे पे, आशीष मुझे भी दो एक बारी। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।