दर्पण 

0 0
Read Time6 Minute, 9 Second
seema garg
दर्पण दिखाता है शक्लो सूरत,
 सामने जैसी भी हो मूरत,
सज धजकर सलीके से बैठो तो
खूबसूरती दर्शाता है
उबासियाँ, बेतरतीबियाँ, बदगुमानियाँ
भी दर्शाता दर्पण
जैसा हो प्रतिबिंब,
वैसा ही नजर आता है ,
विषादयुक्त, हास्ययुक्त
छवियाँ दर्शाता है दर्पण ,
बाहरी रूपरंग दर्शाने के साथ
अन्तर्मन का भी साथी है दर्पण,
सौन्दर्य रूप को निहारता ,
अन्तर्मन को सँवारता ,
जैसे दर्पण के सामने
जा निहारते रंगरूप को
वैसे ही मन दर्पण भी
अवगत कराता मनोभाव को
पल ~पल निरीक्षण करता है
हमारा आचार व्यवहार,
 सदाचार, कदाचार, विषाद, अनुराग,नेह ,मोह, आसक्ति को
किंतु हम अपनी धुन में
व्यस्त रहते हैं
नहीं देते कोई ध्यान
नहीं करते मनोभावों की पहचान
तो हो जाइये !
सजग, सावधान
लाइये, इक प्यारी सी मुस्कान
डालिये प्यार भरी नजर
और, देखिये!
सूक्ष्म विचारों की लहर
ध्यान दीजिए जनाब,
 गुणों को खूबसूरती को
उभार लीजिए आप,
सँवारिये, अन्तर्मन की खूबसूरती को ,
रूप लावण्यता की मनोवृत्ति को ,
जगा लीजिए,मन मन्दिर के
सुन्दर, सुखद,रम्य अहसास,
जहाँ अभीष्ट प्रेम हो खास ,
हो अपनत्व की मिठास ,
सौम्यता का फैले रस ,
रम्यता का हो दर्श ,
मृदुलता का हो आभास ,
आलोकित हो ह्रदय पथ
 फैल जाये प्रकाश ,
करये मानव जीवन
मानवता को समर्पित ,
अन्तर्मन दर्पण का
दीप जलाइये ,
गर्वित तन ,
मन हो जाइये ||
स्वपरिचय
नाम ~ सीमा गर्ग’ मंजरी’
वर्तमान पता ~ मेरठ(उत्तर प्रदेश )
राज्य ~ उत्तर प्रदेश 
शहर ~ मेरठ 
कार्यक्षेत्र ~ गृहणी हूँ 
विधा ~ कविता, गीत, लघुकथा, कहानी, लेख 
मो नं ~ 8958229442
शिक्षा ~ हिन्दी आनर्स ग्रैजुएट 
लेखन का उद्देश्य ~ अपनी मातृभाषा हिन्दी में लेखन कार्य के द्वारा अपनी रचनाओं से सकारात्मक संदेश प्रसारित करना | अपनी मातृभाषा हिन्दी में रचकर मातृभाषा का गौरव बढाना |पाठक वर्ग को जागरूक करना | आदि.. 
ई मेल ~ Seemagarg1107@gmail.com
परिचय ~ मैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहती हूँ | लिखने 
पढने का शौक रखती हूँ |
अभी कुछ समय से अपने परिवार खासकर बच्चों के द्वारा प्रोत्साहित करने पर मैने लंबे अंतराल के बाद लिखना शुरू किया है | भले ही कोई डिग्री नहीं है मेरे पास, लेकिन जो भी लिखती हूँ दिल से लिखती हूँ | 
 
मैं” क्षितिज ~ व्हेयर ड्रीम्स मीट रियलिटी” साहित्यक ग्रुप की सदस्या हूँ | यहाँ मैने अनेक सम्मान को प्राप्त करते हुये अनेक प्रतियोगियों के बीच “नेशनल लेवल पोयट्री “की प्रतियोगिता में चुने गए सात प्रतिभागियों के बीच “चौथा स्थान “प्राप्त किया है |
 
साहित्यक मंच “आगमन कोलकाता “की आजीवन सदस्यता को ग्रहण किया है | यहाँ मैने विभिन्न प्रतिभाशाली कवियों के बीच “प्राइड आफ सेप्टेम्बर” सम्मान को प्राप्त किया है | मेरी कविता को “प्रथम स्थान” मिला | एवं अन्य अनेक सम्मान भी प्राप्त हुये हैं |
 
“काव्य रंगोली हिन्दी पत्रिका” में “साहित्य भूषण सम्मान” का सम्मान मिला है | 
 
“लोकजंग पेपर” में लघुकथायें,कविता भी प्रकाशित हुई हैं | 
 
अंकुर साहित्यिक पत्रिका में भी रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं | 
 
युवा प्रवर्तक बेव पोर्टल पर भी रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं | 
 
अग्रसत्ता पत्रिका में मेरी रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं |
विजय दर्पण टाइम्स मेरठ समाचार पत्र में मेरी रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं | 
 
श्री श्री रविशंकर जी के “आर्ट आँफ लिंविंग” की सदस्या हूँ | यहाँ से” टी, टी, पी कोर्स “को करके बच्चों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हूँ |
 
अपने समीप धार्मिक संस्था से जुडी हूँ | जहाँ अनेक” धार्मिक और सामाजिक “कार्यों को मिलजुलकर सम्पन्न किया जाता है | 
 
मेरा एकल काव्य संग्रह “भाव मंजरी” नाम से प्रकाशित हो रहा है | 
 
एक सांझा काव्य संग्रह ~पहाडी गूँज के नाम से वर्तमान अंकुर पत्रिका के सहयोग से जनवरी अंतिम में प्रकाशित होगा |
 
काव्य सागर यू टयूब पर कविता एवं कहानियों का प्रसारण होता रहता है |
 
काव्य मंजरी समूह में अनेक प्रतिभागियों के बीच मेरी कविता को सर्वश्रेष्ठ के लिए सम्मान मिला है | 
 
मेरा सांझा काव्य संकलन ~गाता रहे मेरा दिल प्रखर गूँज प्रकाशन के माध्यम से जनवरी में आने वाला है |
 
मेरा मुक्त छंद सांझा संग्रह प्रखर गूँज के माध्यम  फरवरी में प्रकाशित हो रहा है |

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अभिभाषक-साहित्यकार विजय सिंह चौहान सम्मानित

Tue Jan 1 , 2019
इन्दौर। सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. एस.एन.तिवारी की स्मृति में श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में इंदौर के पांच साहित्यकारों का सम्मान किया गया। यहाँ मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने लेखक विजयसिंह चौहान को साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया।  अनेक नामचीन साहित्यकारों के इस शहर में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।