हंसमुख मुख मुद्रा वाले मर्यादा पुरुषोत्तम की बात बड़ी निराली है,
प्रकटोत्सव बारह बजे,मंदिर की बजती घण्टी, हम बजा रहे ताली है।
कर्म प्रधान,मर्मशील,आदर्श प्रभु वे अवध की बगिया के माली हैं,
दानवों के दौर में ऋषियों की तपस्या पर यज्ञ की वो ही करते रखवाली हैं।
जिनके आगमन पर,सम्पूर्ण अयोध्या में जले दीपक और रही खुशहाली है,
उनकी पादुकाओं से भरत ने चलाया
राजकाज,कुर्सी सदा रखी खाली है।
रामजी के हाथों मुक्ति की युक्ति, अमरत्व रावण ने कभी नही टाली है,
राजनीति के ज्ञाता ने सच में तो,अपना उद्धार करने ही राम से बैर पाली है।
हमारे सबके प्रभु का अयोध्या में,भव्य मंदिर हो वो जगह अभी खाली है,
इसीलिए कोटि-कोटि हिन्दू वीरों ने भगवा धर्म ध्वजा हाथों में उठा ली है।
#प्रो.(डॉ.) श्यामसुन्दर पलोड़
परिचय : प्रो.(डॉ.) श्याम सुन्दर पलोड़ पेशे से प्राध्यापक हैं। आप इंदौर में संस्कार कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में विभागाध्यक्ष एवं प्रशासक का कार्य देख रहे हैं। राष्ट्रीय कवि एवं प्रसिद्ध मंच संचालक होने के साथ ही पूर्व में उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत एवं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेशचंद्र लाहोटी द्वारा मंच संचालन के क्षेत्र में सम्मानित हुए हैं।राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजेता वक्ता रहे हैं। समाचार पत्रों में स्तम्भकार के रुप में लेखन में सक्रिय है। टीवी चैनल पर भी आपके कई कार्यक्रमों का प्रसारण हो चुका है।
अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनवाएंगे इस बार उर्दू के हाथों में भी भगवा ध्वज लहराएंगे अब नहीं डरेंगे नहीं झुकेंगे हम तीनों कोमो से मंदिर मे ईटे लगवाएंगे।। कब आएगा रामराज्य जब सब जय श्रीराम जय श्रीराम के नारे लगाएंगे!? धन्यवाद जय श्रीराम