प्रदूषण की पर्ची

0 0
Read Time1 Minute, 37 Second

ashok kumar dhoriya

रामू गाँव से 35 किलोमीटर दूर एक शहर में नौकरी करता है।वह हर रोज बस से जाता है। एक दिन किसी कारण से वह लेट हो जाता है। बस प्रतिदिन की भाँति निश्चित समय पर निकल जाती है।

         वह अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए अपनी बाइक  लेकर चल देता है। दो किलोमीटर चलते ही एक पुलिस वाले ने बाइक को रुकवाया और उसका  प्रदूषण जाँच की पर्ची न होने के कारण चालान काट दिया।
        वैसे उसकी बाइक में कुछ खराबी भी थी जिसके कारण वह धुँआ कुछ ज्यादा ही छोड़ रही थी।रामू ने सोचा कि चालान तो कट ही गया अब वह रोजाना बाइक लेकर जाएगा। उस दिन के बाद वह धुँआ छोड़ता हुआ वहाँ से लगातार गुजरता है। पुलिस वाले उसे मिलते हैं लेकिन अब उसे कुछ नहीं कहते।
        एक दिन मैंने उससे पूछा-“आपकी बाइक इतना धुँआ छोड़ती है, क्या प्रदूषण वाले तुम पर कोई कार्यवाही नहीं करते ?”
तब रामू ने जवाब दिया-“मैंने प्रदूषण की पर्ची कटवा रखी है।”
रामू का जवाब सुनकर मेरी समझ में आया कि प्रदूषण की पर्ची कटवाने मात्र से ही प्रदूषण खत्म हो जाता है।
परिचय:-
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर(हरियाणा)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अर्धकुंभ के अवसर पर भारतीय भाषा महाकुंभ का आयोजन क्यों न किया जाए ?

Tue Jan 1 , 2019
15 जनवरी से 4 मार्च के बीच प्रयागराज में होने जा रहे अर्धकुंभ के अवसर पर भारतीय भाषा महाकुंभ का आयोजन क्यों न किया जाए ? परम श्रद्धेय शंकराचार्यगण और साधु संतों के अखाड़े आदि जो भारतीय धर्म – संस्कृति की स्थापना व रक्षा के लिए कृतसंकत्प हैं वे भारतीय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।