बेईमान सारे

0 0
Read Time3 Minute, 23 Second
jayati jain
बेईमानों का शहर है प्यारे
बेईमानी के सब धंधे
कोई ईमान नहीं किसी का
चाहे हो भूखे या नंगे ।
आतंक में दबी हैं चीखें
साया भी है धुँधलाया
डर डर भाग रहा है आदमी
शराफत से है घबराया ।
कौन गवाही देगा किसकी
अत्याचारियों की दुनिया में
इज़्ज़त कहाँ है नारियों की
अपमानित हैं इस दुनिया में ।
इंसानियत है कहाँ रहती
दोस्ती कहाँ है जीती
उम्मीदों से चटका शीशा
मानवता कहाँ है रहती ?
छोटा हो या बड़ा आदमी
मतलबी हो गए सारे
उंगली उठाते दूसरों पर
खुद में झांकते नहीं बेचारे ।
#जयति जैन “नूतन”
परिचय- 
जयति जैन “नूतन”
पति का नाम – इं. मोहित जैन ।
1: जन्म – 01-01
2: जन्म / जन्म स्थान – रानीपुर जिला झांसी 
3: स्थायी पता- भोपाल(मध्यप्रदेश)
4: शिक्षा /व्यवसाय- डी. फार्मा , बी. फार्मा , एम. फार्मा ,/ फार्मासिस्ट , लेखिका
5: विधा – कहानी , लघुकथा , कविता,  लेख , दोहे, मुक्तक, शायरी ।
6: प्रकाशित रचनाओं की संख्या- 400 से ज्यादा रचनायें समाचार पत्रों व पत्रिकाओ में प्रकाशित , साथ ही 12 लाख से ज्यादा ऑनलाइन पाठक ।
7: प्रकाशित रचनाओं का विवरण – जनक्रति अंतराष्ट्रीय मासिक पत्रिका में, राष्ट्रीय दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक अख्बार, राष्ट्रीय पत्रिकाये आदि पर प्रकाशित!
8: सम्मान- 
–  “श्रेष्ठ नवोदित रचनाकार सम्मान” से सम्मानित !
– अंतरा शब्द शक्ति सम्मान 2018 से सम्मानित !
– हिंदी सागर सम्मान 
– श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान
– कागज़ दिल साहित्य सुमन सम्मान
– वुमन आवाज़ अवार्ड 2018
– हिंदी लेखक सम्मान
– भाषा सारथी सम्मान
9: अन्य उपलब्धि- बेबाक व स्वतंत्र लेखिका ! हिंदी सागर त्रेमासिक पत्रिका में ” अतिथि संपादक ” 
10:- लेखन का उद्देश्य- समाज में सकारात्मक बदलाव !
11: a- एकल संग्रह – वक़्त वक़्त की बात ( लघुकथा संग्रह)
b- एकल संग्रह : राष्ट्रभाषा औऱ समाज
साझा काव्य संग्रह
A- मधुकलश 
B- अनुबंध
C- प्यारी बेटियाँ
D- किताबमंच 
E- भारत के युवा कवि औऱ कवयित्रियाँ ।
F – काव्य स्पंदन पितृ विशेषांक
G- समकालीन हिंदी कविता ।
H- साहित्य संगम संस्थान से प्रकाशित 
उत्कृष्ट रचनाओं का संकलन
I- अनकहे एहसास
12: अनगिनत ऑनलाइन व ऑफलाइन पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित हो रही हैं रचनाएँ । 
13- रानीपुर (जिला झांसी उप्र) की  पहली लेखिका जो प्रकाश में आयीं ।
14- लेखन के क्षेत्र में 2010 से अब तक ।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पचरंगो मुकुट को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८

Mon Dec 24 , 2018
मालवा  की प्यारी मीठी मालवी में लिखी गई पुस्तक “पचरंगो मुकुट ” के लिए मालवी के साहित्यकार श्री राजेश भंडारी “बाबू” को दिल्ली के खचाखच भरे  साहित्य अकादमी सभागार,रविन्द्र भवन न्यू दिल्ली  में सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा  २२ दिसम्बर शनिवार को  “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८” प्रदान किया गया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।