बेईमानों का शहर है प्यारे बेईमानी के सब धंधे कोई ईमान नहीं किसी का चाहे हो भूखे या नंगे । आतंक में दबी हैं चीखें साया भी है धुँधलाया डर डर भाग रहा है आदमी शराफत से है घबराया । कौन गवाही देगा किसकी अत्याचारियों की दुनिया में इज़्ज़त कहाँ […]

मां को समर्पित लफ़्ज़ों में भरे जज़्बात… मदर्स डे स्पेशल उलझे हुए से फिरते हैं नादिम सा एहसास लिए दस्तबस्ता शहर में वो नूर है अंधेरे गुलिस्तां में । डरावने ख़ौफ़ के साये हर शख्स बेगाने से शहर भर के हंगामों में वो कायनात है उजड़े गुलिस्तां में । हाथ की […]

अजीब सी बेचैनी बढ़ती चली जा रही थी , कई बार उठकर कई गिलास पानी पीने के बाद भी आग्रह को शांति नहीं मिल रही थी , एक तो गर्मी ऊपर से मेवा का अपने मायके चला जाना ! जब तक कोई जिंदगी में ना आये तब तक हर छोटी […]

आज की सुब्ह बाकी गुजरी सुब्ह से अलग थी, सुब्ह आंख खुली तो एहसास हुआ दर्द का, पूरे शरीर में दर्द हो रहा था ! थोडी देर बाद हुआ वही जिसकी आशंका थी, अब दर्द अपनी सारी हदे तोड़ रहा था, पानी के बिना मछली जेसी हालत थी, बिस्तर पर […]

किसी की रूह से जुड़कर उसका वजूद लूटने वाले खुद की तलाश में मारा- मारा, फ़िर रहा वो आवारा। तुम क्या जानो-क्या होती है तन्हाई,चीखती खामोशी, तुम्हें एहसास नहीं कराया मैंने बंद कमरे में कैद-घुटन का। वो चिलमिलाती धूप-सी चुभती तेरी यादें, आंखों में खून ला देती हैं लेकिन तुम […]

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ न होना ही सिर्फ अपाहिजपन नहीं होता,संपूर्ण होने के बाद जब स्वाभिमान खत्म हो जाता है,असल में तब अपाहिज होता है इंसानl निशा भी अपाहिज हो चुकी थी,ऐसे लोगों के बीच थी जहां उसका स्वाभिमान दो कौड़ी का नहीं बचा थाl हज़ार बातें सुनने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।