पचरंगो मुकुट को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८

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मालवा  की प्यारी मीठी मालवी में लिखी गई पुस्तक “पचरंगो मुकुट ” के लिए मालवी के साहित्यकार श्री राजेश भंडारी “बाबू” को दिल्ली के खचाखच भरे  साहित्य अकादमी सभागार,रविन्द्र भवन न्यू दिल्ली  में सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा  २२ दिसम्बर शनिवार को  “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८” प्रदान किया गया | यह सम्मान नवोदय लेखको द्वारा प्रथम पुस्तक के प्रकाशन के लिए प्रदान किया जाता हे | इस अवसर पुरे देश से साहित्य जगत से जुड़े साहित्यकार और लेखक मोजूद थे | मुख्य अतिथि श्री अजित दुबे और श्री ओ.पी. मोहन व श्री अशोक जी लव  श्री केशव मोहन पांडे  व्  सुश्री रीता मिश्र ने श्री भंडारी का शाल श्रीफल से सम्मान किया और स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया | इस अवसर पर विभिन्न जगह से आये लेखको की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया जिसमे डॉ. राजीव पांडे की पुस्तक शब्दांजली,शालिनी शर्मा की पुस्तक श्रीजीता ,मधु गोयल की थरथराती बूंद ,यशपाल निर्मल की डोगरी लोक कथा , मधु त्यागी की स्पंदन ,व् सर्व भाषा ट्रस्ट की मासिक पत्रिका भी शामिल हे |

राजेश भंडारी “बाबू”

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।