बीरा थाँ पै गरब छः
राखी रो या परब छः
पीहरियै आई बीरा
रीत तो निभाणी छः।।
रक्षा बंधण त्योहार छः
भाई भैण व्यौहार छः
सारी बाताँ पाछी गई
…रही तो कहाणी छः।।
लाखन में भाई मेरो
रामजी को काँई बेरो
भाई तो शहीद हुयो
…मूरत पिछाणी छः।।
भाई मेरो मूरत भयो
देवताँ री सूरत गयो
गलै मिल म्हासूँ बीराँ
राखी भी बँधाणी छः।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः