सरकस

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suresh sourabh

ब्रह्म लोक में हनुमान जी बहुत नाराज चले आ रहे थे ।  आते ही राम जी के चरणो में सिर नवा कर बोले- प्रभु जी मैं तो सिर्फ आप का भक्त हूं । साधु हूं । लोग कहते भी हैं जात न पूछो साधु की, पर मुझे जान बूझकर दलित बनाया जा रहा है । चुनाव के पेंच में मुझे कनकैया बना कर लड़ाया जा रहा है। मैं धरती पर इस तरह अपना तिरस्कार कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता । अगर आप ने कुछ नहीं किया तो मैं वही स्टेप उठाऊंगा जो रावण की लंका में उठाया था। तब तक वहीं उदास खड़े अपनी बड़ी-बड़ी दाढ़ी खुजाते हुए जामवंत बोले- मुझे भी भय खाए जा रहा है कहीं बड़ी-बड़ी दाढी़ के कारण मुझे मुसलमान न बना दिया जाए। तब नल नील और अंगद भी राम जी  से कहने लगे- प्रभु कुछ करें वर्ना बारी -बारी से ये चुनाव वाले हमें उड़ानझल्ले की तरह उड़ाते रहेंगे । बहुत देर तक राम जी अपने भक्तों की फरियाद सुनते रहे। जब सुनते-सुनते उनके कान पक गये तो बोले – मैं क्या करूं ,जब मुझे ही बरसो से टाट पट्टों में , चुनाव वालों ने पटक रखा है। अभी उनका पाप का घड़ा भरा नहीं है । तुम सब धैर्य रखो पूरा पाप का घड़ा भरते ही फूट जायेगा। तब तुम लोगों का हिसाब मैं गिन-गिन कर चुकता करूंगा। तब-तक बस तुम लोग चुनावी सरकस का मजा लो और मौज काटो।

#सुरेश सौरभ
निर्मल नगर लखीमपुर खीरी

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।