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गर्दभ वाहन पर होकर सवार,
शीतला माता देने आई दुलार।
आगे चलें हनुमान,पीछे भैरव,
माता देने आई शीतल बहार।
दही संग शक्कर-चावल का,
नेवैध बने अमृती रसधार।
ठंडा भोजन बड़ा हीं गुणकारी,
रक्तचाप रोग में नियंत्रण कार।
चेचक,असाध्य रोग दूर होय,
आएं जो रोगी माता के दरबार।
तन-मन को रखो सदा शीतल,
सुख-शांति से रखो हर परिवार।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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