नई उड़ाने,नया आसमान,
सुधिजन रचनाकारों का।
सबके सब मिलकर कर देंगे,
युग को नव आकारों का।
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चाहे जितनी बाधा आए,
कवि का धर्म निभाना है।
नई सोच अरु नई उड़ाने,
नव पथ भी दिखलाना है।
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मुक्त परिंदे बन के हम तो,
नित नया आसमां नापें।
नई उड़ान भरेंगें मिलकर,
बाधाओं से क्या काँपें।
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निज नीड़ों को क्यों भूले हम,
भारत की संस्कृतियों को।
पश्चिम की आँधी को रोकें
मिलकर सब विकृतियों को।
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हिन्दी के हित नई उड़ाने,
देश,धरा मानवता की।
नया आसमां हम विचरेंगे,
कविता गाने सविता की।
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एक सौ आठ बहन बन्धु है,
भारत की शान बढ़ाएँ।
मातृभाष हिन्दी के पोषक।
हिन्दी का मान बढ़ाएँ।
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नई उड़ाने,नया आसमान,
सुधिजन सब उपकारी है।
भिन्न भिन्न प्रांतों के कविजन,
मिलकर एकाकारी है।
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प्रजातंत्र स्तंभ सदा ही,
देता नव पहचाने है।
ऐसा प्यारा नया आसमां,
अपनी नई उड़ाने है।
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प्रजातंत्र का मान रखेंगें,
कविताई दीवाने है।
आओ देखें नया आसमां,
अपनी नई उड़ाने है।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः