अपने काव्य संग्रह ’वारांगना (व्यथांजलि)’ में डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ स्त्री के उस रूप की मार्मिक अंर्तव्यथा संसार के समक्ष रखना चाहता हैं,जिसे समाज हेय और घृणा की दृष्टि से देखता है।जिसके विषय में बात करने से भी समाज कतराता है। संभवतया स्त्री रचनाकार भी जिस विषय पर रचना करने […]