सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ /
तब हाथ पकड़कर गुरु ने मुझे सत्य का पथ दिखलाया /
गुरु चरणों को में तज कर अब और कहाँ में जाऊ /
सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ /१/
गुरुदेव की छाया हो तो टूटे पापो का बंधन /
गुरुदेव की महिमा समझू और दुनियां को समझाऊ/
सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ /2/
जब तक सांसे चलती है गुरुदेव की महिमा गाऊ /
जब भाव सागर में डूबा तब गुरुदेव ने मुझको उभरा /
तुम गाओ राम की महिमा में विद्यासागर को ध्याऊ/
सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ /3/
जब तक सांसे चलती है गुरुदेव की महिमा गाऊ /
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।