नवाचार – गणेश वर्णमाला 

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gopal
गणेश महोत्सव  तथा हिन्दी दिवस के दौरान नवोदय क्रांति भारत के म.प्र.राज्य मोटिवेटर एवं दोहावली नवाचारों के लिए विख्यात आगर मालवा के शिक्षाविद डॉ. दशरथ मसानिया द्वारा हिन्दी वर्णमाला से बनाई प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश की कलाकृति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है ।डॉ  मसानिया ने अपने इस नवाचार को ‘गणेश वर्णमाला ‘ का नाम दिया है ।  खासकर शैक्षणिक संस्थानों में इस नवाचार को विशेष रूचि से देखा जा रहा है। साथ ही शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को इस नवाचारी कलाकृति से अवगत करवाया जा रहा हैं एवं इसकी फोटो प्रिंट कई  स्कूलों, बैंकों एवं आफिसों में भी लगाई जा रही हैं । डॉ. मसानिया ने बताया कि इसमें अ से गणेशजी का शरीर,एऐ से पैर,ओऔ से हाथ,अंअः से मुकुट ,उऊ से आँखें ,ऋ से तिलक तथा,इई से कान है। आ की मात्रा में स्पर्श,अंतस्थ,ऊष्म,संयुक्त तथा रूढ़ व्यंजन भिन्न भिन्न रंगो में शोभायमान है। नीचे चूहे को ॐ की  आकृति दी है।  एक दोहा पूरे चित्रांकन को स्पष्ट करता है।
“लघु दीरघ आयोगवह,चार सात दो होय।
स्पर्श अंतस्थ ऊष्मा,संयुक्त रूढ़ा  दोय।।”
डॉ. मसानिया की सभी विषयों पर दोहावली नवाचार की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। जिसमें बेटी चिरैया,बैजनाथ महिमा,गणित ज्ञान को गाइये, थाने बेटी मारी पेट में, मालवी केवातां,हिन्दी दोहावली आदि प्रमुख है।
# गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।