एक देवी  की कहानी

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chavi prakruti
वो बिल्कुल आम इंसानो जैसी थी,
उसकी चाहते भी वैसी ही थी,,
वो इंसानो की बस्ती में रहती थी
पर  वो एक देवी थी।
वो चाहती थी खुल कर हँसना
पर नही हो सकता था पूरा,उसका ये सपना..
क्योंकि अवैध था देवीयों का यों
आम इंसानो की तरह खुल कर हँसना।
वो खुद में ही खोयी रहती वो आम इंसानों सी..
अक्सर खता कर देती आम इंसानों सी
इसलिए रोज ही उसे पड़ता था नरक भुगतना…
क्योंकि वो आम इंसान नही एक देवी थी..
देवियों की खता माफ नही पाप थी।
देवी के आसन पर सजी वो…
इंसान होने की कोशिश करती थी..
पर मिला था उसे देवी का उच्च पद..
इसलिए वो नरक भुगतने को थी अभिशप्त।
सुन कर देवी की कहानी मैंने मन मे ठानी,
नही सजूंगी देवी के उच्च पद पर
बन कर आम इंसान मैं जिऊंगी खुद को।
#प्रकृति
परिचय-
नाम-छवि
उपनाम-प्रकृति
स्नातक-बी-टेक
स्नातकोत्तर-हिंदी
नेट/जेआरएफ
गृह जिला- मुजफ्फरनगर(उत्तर प्रदेश )

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