अभी-अभी तो निकला था,
खेलने,हाथ में गिल्ली-डंडा लिए।
अभी-अभी तो ढूँढ रही थी,
अम्मां,हाथ में डंडा लिएll
अभी-अभी तो डांट रहे थे,
बाबूजी, पढ़ने के लिए।
अभी-अभी तो मैं कह रहा था,
मां से,मेले चलने के लिए ll
अभी-अभी तो टोक रहे थे,
मास्टर जी,फीस के लिए।
अभी-अभी तो बाबूजी निकले थे,
गेंहू के नए बीज के लिएll
अभी-अभी तो आंख लग गई थी,
अखबार पढ़ते हुए।
अभी-अभी तो गिर पड़ी है,
छड़ी हाथ से टकराते हुएll
अभी-अभी तो उठ पड़ा हूं,
मैं चश्मा टटोलते हुए।
अभी-अभी बरामदे में बिखरे,
अखबार के पन्ने समेटते हुएll
#गोपेश आर. शुक्ला
परिचय : गोपेश आर. शुक्ला का जन्म २० नवम्बर १९८६ में इलाहाबाद का हैl आप इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) के बिलारी ग्राम में रहते हैं। हिन्दी में स्नातक के साथ ही डिप्लोमा इन कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की हैl फिल्म मेकिंग एण्ड एडिटिंग में भी प्रमाण-पत्र प्राप्त किया हैl `छोटी-सी बड़ी बात` एक लघु फिल्म कानिर्माण आप कर चुके हैंl वर्तमान में मुम्बई में निजी कम्पनी में कार्यरत होकर कविता और कहानी का लेखनकरते हैंl दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक `शब्दों के रंग` में आपकी कविताएं प्रकाशित हुई हैl कहानी के प्रकाशन के लिए आपको सम्मान-पत्र भी मिला है। अन्य पत्र-पत्रिकाओ में भी लेख,कहानी और कविता प्रकाशित होती रहतीहै। ऑन लाइन आलेख स्पर्धा में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।
Very very nice.brother