अभी-अभी

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gopesh kumar

अभी-अभी तो निकला था,

खेलने,हाथ में गिल्ली-डंडा लिए।

अभी-अभी तो ढूँढ रही थी,

अम्मां,हाथ में डंडा लिएll

अभी-अभी तो डांट रहे थे,

बाबूजी, पढ़ने के लिए।

अभी-अभी तो मैं कह रहा था,

मां से,मेले चलने के लिए ll

अभी-अभी तो टोक रहे थे,

मास्टर जी,फीस के लिए।

अभी-अभी तो बाबूजी निकले थे,

गेंहू के नए बीज के लिएll

अभी-अभी तो आंख लग गई थी,

अखबार पढ़ते हुए।

अभी-अभी तो गिर पड़ी है,

छड़ी हाथ से टकराते हुएll

अभी-अभी तो उठ पड़ा हूं,

मैं चश्मा टटोलते हुए।

अभी-अभी बरामदे में बिखरे,

अखबार के पन्ने समेटते हुएll

                                                                                      #गोपेश आर. शुक्ला

परिचय : गोपेश आर. शुक्ला का जन्म २० नवम्बर १९८६ में इलाहाबाद का हैl आप इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) के बिलारी ग्राम में रहते हैं। हिन्दी में स्नातक के साथ ही डिप्लोमा इन कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग की भी पढ़ाई की हैl फिल्म मेकिंग एण्ड एडिटिंग में भी प्रमाण-पत्र प्राप्त किया हैl `छोटी-सी बड़ी बात` एक लघु फिल्म कानिर्माण आप कर चुके हैंl वर्तमान में मुम्बई में निजी कम्पनी में कार्यरत होकर कविता और कहानी का लेखनकरते हैंl दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक `शब्दों के रंग` में आपकी कविताएं प्रकाशित हुई हैl कहानी के प्रकाशन के लिए आपको सम्मान-पत्र भी मिला है। अन्य पत्र-पत्रिकाओ में भी लेख,कहानी और कविता प्रकाशित होती रहतीहै। ऑन लाइन आलेख स्पर्धा में प्रथम पुरस्कार  प्राप्त किया है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।