अटल

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sanju charan shagun
एक युग पूरा हुआ इक युगपुरुष के जाने से ,
वो था अटल चट्टान सा पिछले कई जमाने से।
रह राजनीति से लगा पर कृष्ण सा निर्लिप्त था,
बेदाग था इस देश के दागिल रहे तराने से।
ना हिंदु मुस्लिम सिख इसाई की जिसे दरकार थी ,
सब एक थे माँ भारती के एक ही घराने से ।
कुछ करने आया देश हित वो काम कर छिप सा गया,
वह सूर्य बनकर उग रहा था और लोग थे परवाने से।
देकर अणु परमाणु भारत को नया एक रूप दे,
नवनीत सा भारत बना उसके धरा पर आने से।
वह जा चुका तो देश उसको याद करके रो रहा,
रोए जमी आकाश भी सावन के ही बहाने से।
ना है मिला, मिल पाएगा ना उस अटल सा फिर अटल,
सब शोकमय होकर रहे एक मौत के फसाने से
वो था “शगुन” अनमोल पारस,देश भारत का रतन,
नही बन सकेगा स्वर्ण युवा अटल नग के जाने से।
#संजू चारण “शगुन”
परिचय- 
संजू चारण “शगुन” जोधपुर राजस्थान से है, M A हिंदी, NET, शोध की छात्रा और वर्तमान मे राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग मे प्राध्यापक हिंदी के पद पर कार्यरत| कुछ गजले और कृष्ण भक्ति से संबंधित कुछ पदो की रचना की है|
‘कमल की कलम’ द्वारा चयनित 73 कविताओं में मेरी कविता ख्याल ए दिल भी शामिल की गई थी।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।