दर्शन दो अब नंद गोपाल

0 0
Read Time51 Second
niraj tyagi
जय हो जय हो नंद गोपाल,
आ जाओ अब बाल गोपाल,
मथुरा है दर्शन की प्यासी,
इन्तेजार में हर ब्रजवासी,
तुमको अब आना ही होगा,
कंस को अब मिटाना ही होगा,
तुम्हारे चरण छूने को यमुना तैयार,
आ भी जाओ अब नंद के लाल,
नभ में चमके बिजली घनघोर,
आ जाओ मत होने दो भोर,
वर्षा रानी भी पड़े जोरम जोर,
आ जाओ मत होने दो भोर,
देवकी माँ का मन व्याकुल आज,
वासुदेव की आँखों में आँशु आज,
दोनों को तुमसे बहुत ज्यादा आश,
आ जाओ करो इनकी गोदी में वास,
नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश )

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कुंजबिहारी

Sun Sep 2 , 2018
मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि तेरी सूरत पै सौ सौ अनंग बलिहारी। मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी। रक्षक शरणागत के हो कुछ कृपा करो गिरधारी।। विश्व गुरु बन बैठे जब गीता […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।